Social Story : बड़ा बेटा शंकर शराबी निकला और पत्नी को लकवा मार गया. इस बात से गणपत की कमर टूट गई. घर में बेटी की कमी न हो, तो गणपत ने शंकर का ब्याह करा दिया. पर बहू ललिता पति का प्यार पाने को तरस गई. क्या गणपत के घर में खुशियां लौटीं?
वह तीनों ही टाइम नशे में चूर रहता था. कभीकभी बेहद नशे में उसे देखा जाता था. वह चलने की हालत में नहीं होता था. पूरे शरीर पर मक्खियां भिनभिना रही होती थीं. उसे कोई कुछ नहीं कहता था. न घर वाले खोजखबर लेते थे और न बाहर वालों का उस से कोई मतलब होता था.
शरीर सूख कर ताड़ की तरह लंबा हो गया था. खाने पर कोई ध्यान ही नहीं रहता था उस का. कभी घर आया तो खा लिया, नहीं तो बस दे दारू, दे दारू.
वह सुबह दारू से मुंह धोता तो दोपहर तक दारू पीने का दौर ही चलता रहता था. दोपहर के बाद गांजे का जो दौर शुरू होता, तो शाम तक रुकने का नाम नहीं लेता था.
दोस्त न के बराबर थे. एक था बीरबल, जो उस के साथ देखा जाता था और दूसरा था एक ?ाबरा कुत्ता, जो हमेशा उस के इर्दगिर्द डोलता रहता था.
‘बहिरा दारू दुकान’ उस का मुख्य अड्डा होता था. वहीं से उस की दिन की शुरुआत होती और रात भी वहीं से शुरू होती, जिस का कोई पहर नहीं होता था. लोगों को अकसर ही वह वहीं मिल जाता था.
सुबहसुबह बहिरा भी उस का मुंह देखना नहीं चाहता था, लेकिन ग्राहक देवता होता है, उसे भगा भी नहीं सकता. पीता है तो पैसे भी पूरे दे देता है और बहिरा को तो पैसे से मतलब था. पीने वाला आदमी हो या कुत्ता, उसे क्या फर्क पड़ता?
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

सरस सलिल सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरस सलिल मैगजीन का सारा कंटेंट
- 1000 से ज्यादा सेक्सुअल हेल्थ टिप्स
- 5000 से ज्यादा अतरंगी कहानियां
- चटपटी फिल्मी और भोजपुरी गॉसिप
- 24 प्रिंट मैगजीन
डिजिटल

सरस सलिल सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरस सलिल मैगजीन का सारा कंटेंट
- 1000 से ज्यादा सेक्सुअल हेल्थ टिप्स
- 5000 से ज्यादा अतरंगी कहानियां
- चटपटी फिल्मी और भोजपुरी गॉसिप