द्वापर युग में एक थे भीष्म पितामह, जिन्हें इच्छामृत्यु का वरदान मिला हुआ था. पांडवों ने बड़ी मिन्नतें कर उन का वध किया तब कहीं जा कर वे हस्तिनापुर पर काबिज हो पाए थे. किंवदंती यह है कि खुद भीष्म ने उन्हें अपनी मौत का तरीका बताया था. मौजूदा बात एकदम इस के उलट है. समाजसेवी अन्ना हजारे ने जोरदार दहाड़पत्र के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा है कि आप ही बताइए कि 23 मार्च से दिल्ली में आंदोलन और अनशन किस जगह पर करूं.
अब अन्ना हजारे पूरी तरह नरेंद्र मोदी पर हमलावर होते उन पर तरहतरह के आरोप लगा रहे हैं कि उन की सरकार भ्रष्टाचार रोकने में नाकाम रही है और जन लोकपाल विधेयक को उन्होंने कमजोर कर दिया है. बकौल अन्ना हजारे, उन्होंने 30 चिट्ठियां नरेंद्र मोदी को लिखीं पर उन्हें एक का भी जवाब नहीं मिला. अब गेंद मोदी के पाले में है कि अन्ना के इस आखिरी आंदोलन का शिकार बनने की जगह का चुनाव वे खुद करें.
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