गुजरात के नतीजों से उत्साहित कांग्रेस अब वैज्ञानिक विश्लेषण कर उम्मीदवारों को टिकट बांटेगी, यह खबर ही अपनेआप में अवैज्ञानिक लगती है. वजह, टिकट बंटवारे का एक बड़ा आधार जाति हुआ करती है जिस के तहत किसी भी विधानसभा क्षेत्र में खास जाति के वोटों की तादाद देख उसी जाति के मुखिया को टिकट थमा दिया जाता है.
राहुल गांधी की ताजपोशी के बाद कांग्रेस अब राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में इस टोटके को वैज्ञानिक विश्लेषण नाम देने की बात कर रही है. इस नई कथित वैज्ञानिक पद्धति के आविष्कारक राजस्थान कांगे्रस के आविष्कारक सचिन पायलट हैं जो भाजपा से दो कदम आगे चल कर अभी से टिकट बांटने की बात कर रहे हैं. इस वैज्ञानिक पद्धति और विश्लेषण के विवरण का अभी उन्होंने खुलासा नहीं किया है, लेकिन कांग्रेसी प्रयोगशाला में अब नएनए प्रयोग होने स्वाभाविक हैं क्योंकि सवाल वजूद का जो ठहरा.
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