छत्तीसगढ़ में राजनीतिक और प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा है कि कोरोना आज अपने उफान भयावह रूप में छत्तीसगढ़ में पैर पसार चुका है. सनद रहे कि जब देश में कोरोना वायरस फैला हुआ था छत्तीसगढ़ निष्कंटक था. मगर राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी और प्रशासनिक सूझ बूझ के अभाव  का परिणाम यह हुआ कि दीगर  प्रांतों में छत्तीसगढ़ के पलायन करने वाले लाखों श्रमिक मजदूर वापस लौट आए और कोरोना गांव गांव में फैल गया. आज स्थिति छत्तीसगढ़ में भयावह होती चली जा रही है उसका सीधा सीधा कारण है सरकार का लापरवाही भरा रूख. छत्तीसगढ़ शायद पहला प्रदेश है जहां सरकार शराब दुकानें खोलने के लिए लालायित दिखी यही नहीं अन्य दुकानों बाजारों पर प्रतिबंधात्मक धाराएं लगाई जा रही थी वहीं सरकार के वरदहस्त में  शराब दुकानें सुबह 10 बजे से लेकर देर शाम तक खुली रहती थी जहां भारी भीड़ उमड़ रही थी. लोगों को यह समझ में नहीं आ रहा था कि जब कोरोना वायरस शराब की सरकारी दुकानों में फैल और प्रसारित नहीं हो रहा है तो फिर दूसरी दुकाने बाजार क्यों बंद करवाए जा रहे हैं. इसी दो मुंही  नीति के कारण कोरोना वायरस छत्तीसगढ़ में फैलता चला गया और अब स्थिति बेहद दयनीय हो चुकी है. प्रदेश में लोगों पर कोरोना का दंश कुछ इस कदर तारी हो गया है कि लोग मर रहे हैं इलाज नहीं मिल रहा है मगर शासकीय स्तर पर जिस तरह पहले अलर्ट की स्थिति थी अब वैसी दिखाई नहीं देती और ऐसा लगता है मानो लोगों को उनके भाग्य के भरोसे पर छोड़ दिया गया है.

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