राजस्थान में कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार है और यह भी एक तथ्य है कि कांग्रेस विधानसभा चुनाव में हारतीहारती बची थी तथा उसे मतगणना के दिन 200 सीटों में से जो 99 सीटें मिली थी, उन में से 96 सीटें ऐसी हैं जहां मुस्लिम वोट 15 हज़ार या इस से ऊपर हैं और इन 96 सीटों को जिताने में मुस्लिम वोटर कांग्रेस का सब से बड़ा मददगार साबित हुआ है।
इस के बावजूद सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस के बड़े नेताओं, मंत्रियों व अधिकतर विधायकों ने मुसलमानों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया है। जिस से मुसलमानों में बड़ा रोष है और जो मुसलमान कांग्रेस से जुड़े हुए हैं वे भी दबी जुबान यह स्वीकार करते हैं कि हां, कांग्रेस राज में मुसलमानों की पूरी तरह से अनदेखी हो रही है और ऐसा लग रहा है कि हम ने कांग्रेस को चुनाव जीता कर बहुत बड़ा गुनाह कर दिया है।
कांग्रेस पूरी तरह से भाजपा की बी टीम बन गई है और वो भी भाजपा की तरह मुसलमानों को दूर कर हिन्दू और हिन्दुवाद के नाम पर वोट बटोरना चाहती है, हालांकि पश्चिम बंगाल, यूपी, बिहार आदि राज्यों में वो इस बदलाव से फायदे की बजाए और कमजोर हुई है।
ताज़ा चोट उस ने गुजरात में खाई है, जहां कांग्रेस का ऐतिहासिक सफाया हुआ है। साल 2021 में 12 दिसंबर को जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में आयोजित कांग्रेस की राष्ट्रीय महारैली में राहुल गांधी ने जो भाषण दिया था, तब यह स्पष्ट हो गया था कि कांग्रेस अब भाजपा के रास्ते पर चल कर सुसाइड करेगी।
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