देश में हाल ही में नए ट्रैफिक नियमों को इतना सख्त किया गया कि आम आदमी का चालान के नाम पर पसीना ही छूटने लगा. किसी शख्स का 35,000 रुपए का चालान कटा तो किसी का 52,000 रुपए का. एक शख्स ने तो चालान से बचने के लिए अपनी मोटरसाइकिल में ही आग लगा ली, भले ही बाद में इस करतूत का अंजाम भुगतना पड़ा हो. वहीं दिल्ली में एक लड़की स्कूटी के पुख्ता कागजात न होने पर पुलिस वालों को आत्महत्या करने तक की धमकी देने लगी. अभी इस ट्रैफिक नियमों की समस्या से जूझ ही रहे थे कि राजधानी वालों को एक और नई परेशानी ने घेर लिया है.
जी हां, राजधानी नई दिल्ली में सड़कों पर अवैध रूप से वाहन खड़े करने पर अब भारी जुर्माना देना पड़ सकता है. इसके अलावा वाहन मालिक को चालान के अलावा अधिक टोइंग यानी वाहन को उठा कर ले जाने वाला शुल्क व उसे रखे जाने का शुल्क अलग से देना होगा.
नई पार्किंग नीति के तहत यह शुल्क वाहनों की अलगअलग कैटेगरी के हिसाब से 200 रुपए से ले कर 2,000 रुपए तक होगा.
यदि मालिक अपने वाहन को छुड़ाने के लिए आगे नहीं आता है तो 90 दिन के बाद वाहन को नीलाम कर दिया जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक, नई पार्किंग नीति 30 सितंबर से पहले लागू की जाएगी.
मतलब, दिल्ली सरकार दिल्ली मेंटेनेंस एंड मैनेजमेंट औफ पार्किंग रूल्स 2017 के नाम से तैयार की गई पार्किंग नीति को 30 सितंबर से पहले हर हाल में अधिसूचित कर देगी.
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यह नीति जहां लोगों को जाम से छुटकारा दिलाएगी, वहीं सड़कों पर गलत तरीके से खड़े वाहनों से होने वाली समस्या को भी दूर करेगी.
इस नीति के अनुसार 60 फुट से अधिक चौड़ी सड़कों पर अवैध पार्किंग के मामले में यातायात पुलिस को वाहनों को उठाने का अधिकार होगा. वहीं इस से कम चौड़ी सड़कों पर वाहनों को उठाने और जुर्माना लगाने की जिम्मेदारी संबंधित सिविक एजेंसी की होगी.
कोई भी खटारा वाहन जो 60 फुट से कम चौड़ी सड़क पर खड़ा मिलेगा, उसे सिविक एजेंसी जब्त करेगी.
ऐसे वाहन 60 फुट या इस से अधिक चौड़ी सड़कों पर खड़े मिलेंगे तो उसे यातायात पुलिस और सिविक एजेंसी की टीम जब्त करेगी. वाहन को उठा कर ले जाने का शुल्क भी पहले से अधिक वसूला जाएगा.
कार का पहले टोइंग शुल्क 200 रुपए था, जोकि नई नीति के तहत 400 रुपए होगा. वाहन को रखे जाने का शुल्क उसे उठाए जाने के 48 घंटे बाद शुरू होगा और इस के बाद प्रतिदिन के हिसाब से शुल्क वसूला जाएगा.
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यदि वाहन नो पार्किंग में खड़ा किया गया है तो संबंधित एजेंसी उसे उठा कर ले जाएगी. इस पर चालान के अलावा टोइंग शुल्क और वाहन को रखे जाने का शुल्क प्रतिदिन के हिसाब से देना होगा.
वहीं, एक सप्ताह से ज्यादा समय तक वाहन रखे जाने पर जुर्माना राशि दोगुनी हो जाएगी. यदि जब्त किया गया वाहन 90 दिन के अंदर नहीं छुड़ाया जाता है तो वाहन मालिक को नोटिस दिया जाएगा कि 15 दिन के अंदर वाहन छुड़ा लें. यदि मालिक नियत समय पर वाहन को छुड़ाने में असफल रहता है तो वाहन की नीलामी कर दी जाएगी.
सचेत हो जाइए, नया नियम कमरतोड़ महंगाई में और ज्यादा कमर तोड़ देगा.
आप की जेब पर अब डाका डालने का दूसरा प्लान है. कितना बचोगे सरकार की पैनी नजरों से.
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