चलिए मान लेते हैं कि आप को पहली नजर का पहला प्यार हो गया है. दिनरात रोमांस और करवटें बदलने में गुजर रहे हैं. उन्हें हर दिन देखने के लिए इंतजार करना मुश्किल हो रहा है. आप के दिल और दिमाग में घर कर चुके उस प्यार को अब जीवनसाथी बना ही लिया जाए, ऐसा सोच रहे हैं.
लेकिन जरा आप अपने दिमाग के रोमांटिक घोड़े को लगाम दीजिए और यह तो चैक कर लीजिए कि जिसे आप प्यार करती या करते हैं, वह भी आप को प्यार करता है या फिर आप उस के लिए महज खेलने का सामान ही हैं.
मतलब, जब उसे सैक्स करना हो तभी आप की याद आती हो, ऐसा तो नहीं है? यह हो भी सकता है और नहीं भी, क्योंकि प्यार और वासना में फर्क करना आसान नहीं होता, इसलिए आप का प्यार भी कहीं प्यार और वासना के बीच उलझन में तो नहीं है? यह जानने के आसान तरीके हैं:
अंखियों में न झांके सैयां
पहली नजर का प्यार आंखों से ही शुरू होता है और वासना के पुजारी की पकड़ भी आंखों से ही होती है. अगर आप को लगता है कि आप का प्यारा सा प्यार आप की आंखों में झांकने में फेल हो जाता है तो समझ जाइए कि उसे आप से नहीं, बल्कि आप के शरीर से प्यार है.
दरअसल, रिलेशनशिप ऐक्सपर्ट भी यह मानते हैं कि हमारी आंखें किसी की नीयत समझने के लिए खिड़की जैसी होती हैं. जब कोई आप को प्यार करता है, तो वह आप की आंखों में बेझिझक देखेगा और अपने दिल की बातें जाहिर कर देगा, लेकिन अगर आंखों में देखने के बजाय उस की नजर आप के शरीर
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