दांतों के हलके से दर्द को भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए क्योंकि यह हलका दर्द भी किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है. ठंडागरम लगना, पायरिया, कैविटी, सांस में बदबू और दांतों का बदरंग होना आदि मात्र यही दांतों की बीमारियां नहीं हैं बल्कि खराब दांतों की वजह से आप को गरदन में दर्द, रीढ़ की हड्डी में दर्द, सिरदर्द, दिमागी तनाव, ब्रेन कैंसर और मुंह के कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं. अगर गर्भवती महिला के दांतों में कोई गंभीर समस्या है तो गर्भस्थ शिशु पर भी इस का प्रभाव पड़ सकता है. यहां तक कि गंदे और टेढ़ेमेढ़े दांत आप को दिल का रोगी भी बना सकते हैं. आमतौर पर हम दांतों के दर्द को हलके में लेते हैं, कम दर्द हुआ तो नमक और तेल का सहारा व ज्यादा हुआ तो कोई दर्दनिवारक गोली खा ली.
प्रिया ने भी अपने दांत के दर्द को कभी गंभीरता से नहीं लिया. आज वह हर हफ्ते अस्पताल के चक्कर लगातेलगाते परेशान है. क्योंकि उस का सामान्य दर्द अब कैंसर की शक्ल ले चुका है. डैंटल कालेजों के अध्ययन बताते हैं कि गलत लाइफस्टाइल का कुप्रभाव दांतों पर भी पड़ता है. दिल्ली की 80 प्रतिशत आबादी दांतों की किसी न किसी परेशानी से जूझ रही है. दांतों में दिक्कतें बचपन से ही शुरू हो जाती हैं. लेकिन हम ध्यान नहीं देते, जबकि सिर्फ साफसफाई का ध्यान रख कर भी 50 फीसदी दांतों की बीमारियों को दूर रखा जा सकता है.
दांतों की अच्छी तरह सफाई न होने पर उन पर परत जम जाती है. इस में जमा बैक्टीरिया टौक्सिंस बनाते हैं, जो दांतों को नुकसान पहुंचाते हैं. दांतदर्द अपनेआप में कोई बीमारी नहीं है बल्कि आने वाले खतरे का संकेत मात्र है. दांतों के दर्द की शुरुआत आमतौर पर मसूड़ों में सूजन, ठंडागरम लगना और कैविटी लगने से होती है.
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